जानें बॉलीवुड के कपूर खानदान की नींव रखने वाले पृथ्वीराज कपूर की जिंदगी के अनसुने किस्से

पृथ्वीराज का बचपन से ही अभिनय की तरफ झुकाव था। आठ साल की उम्र में उन्होंने पहली बार स्कूल में एक नाटक में हिस्सा लिया था। साल 1931 में भारत की पहली बोलती फिल्म 'आलमआरा' में पृथ्वीराज कपूर ने महज 24 साल की उम्र मे जवानी से लेकर बुढ़ापे तक की भूमिका निभाई।

Bollywood Halchal Nov 03, 2020

आज बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता पृथ्वीराज कपूर की बर्थ एनिवर्सरी है। देश की पहली बोलती फिल्म से लेकर 'मुगल ए आजम' और 'सिकंदर' जैसी सदाबहार फिल्मों के लिए पृथ्वीराज कपूर को आज भी याद किया जाता है।आइए जानते हैं पृथ्वीराज कपूर की जिंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प और अनसुने किस्से


बचपन से था अभिनय का शौक

पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर 1906 को पाकिस्तान (तब पेशावर) में हुआ था। उनके पिता बशेश्वरनाथ कपूर पेशावर में सब इंस्पेक्टर थे। पृथ्वीराज तीन साल के थे जब उनकी मां का निधन हो गया। उनका बचपन से ही अभिनय की तरफ झुकाव था। आठ साल की उम्र में उन्होंने पहली बार स्कूल में एक नाटक में हिस्सा लिया था। उन्होंने पेशावर के एडवर्ड कॉलेज से स्नातक किया और फिर वकालत की पढ़ाई की।  उन्हें हमेशा से ही एक्टिंग से लगाव था इसलिए वे थियेटर में काम करने के लिए वे लाहौर आए लेकिन उनके ज्यादा पढ़े-लिखे होने की वजह से किसी नाटक मंडली ने उन्हें काम नहीं दिया। इसके बाद वे काम की तलाश में बंबई (मुंबई) आ गए और इंपीरियल फिल्म कंपनी से जुड़ गए।  यहाँ उन्होंने बिना किसी सैलरी के बतौर एक्स्ट्रा कलाकार काम किया।

 

कई यादगार फिल्मों में किया अभिनय

मुंबई आने पर पृथ्वीराज की पहली फिल्म 'सिनेमा गर्ल' नाम की मूक फिल्म थी।  इसके बाद साल 1931 में भारत की पहली बोलती फिल्म 'आलमआरा' में पृथ्वीराज कपूर ने महज 24 साल की उम्र मे जवानी से लेकर बुढ़ापे तक की भूमिका निभाई। अपने करियर में पृथ्वीराज कपूर ने कई यादगार फिल्में दी हैं जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।  उन्होंने 'विद्यापति' (1937), 'सिकंदर' (1941), 'दहेज' (1950), 'आवारा' (1951), 'जिंदगी' (1964), 'आसमान महल' (1965), 'तीन बहूरानियां' (1968) और मुगल-ए-आजम (1960) जैसी फिल्मों में अपने शानदार अभिनय से किरदारों को अमर कर दिया। पृथ्वीराज कपूर को पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया था। इसके अलावा उन्हें निधन के बाद से दादा साहब फाल्के अवॉर्ड भी दिया गया।

 

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17 वर्ष की उम्र में हो गई थी शादी

महज 17 वर्ष की उम्र में ही उनकी शादी 14 वर्षीय रामसरानी से कर दी गई और बहुत जल्दी वे तीन बच्चों के बाप बन गए।  पृथ्वीराज कपूर के बाद उनके तीन बेटे राज कपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर ने उनके नाम को आगे बढ़ाया।  खासतौर पर राज कपूर ने पिता का नाम इस कदर आगे बढ़ाया कि फिल्मी दुनिया में पृथ्वीराज कपूर को राज कपूर के पिता के तौर पर पुकारा जाने लगा। पृथ्वीराज के पौत्र रणधीर कपूर, ऋषि कपूर, राजीव कपूर, करण कपूर और कुणाल कपूर ने भी फिल्मों में काम किया।  आगे चलकर इनके बच्चों करिश्मा कपूर, करीना कपूर और रणबीर कपूर ने भी कपूर खानदान की इस विरासत को आगे बढ़ाया। आज कपूर खानदान बॉलीवुड का सबसे प्रतिष्ठित और समृद्ध खानदान माना जाता है जिसने इंडस्ट्री को कई बड़े सितारे दिए हैं।




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