गरीबी से परेशान होकर सुसाइड करने वाले थे कैलाश खेर, बर्थडे पर जानिए कामयाब सूफी गायक के जीवन से जुड़ी अनोखे किस्से

कैलाश की किस्मत तब चमकी जब उन्होंने फिल्म वैसा भी होता है' में 'अल्लाह के बन्दे हम' में खूबसूरत प्रदर्शन किया, इस गाने से उनके कामयाब सफर की नई पारी शुरू हो गई थी। आज भी यह बेहद खूबसूरत गाना उनके प्रचलित गानों में शुमार है।

Bollywood Halchal Jul 17, 2020

बॉलीवुड के लोकप्रिय गायक कैलाश खेर का जन्म 7 जुलाई 1973 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। अपने बेहतरीन गायकी कला से कैलाश लोगों का दिल चुरा लेने में कामयाब गायक हैं। कैलाश खेर बॉलीवुड के एक से एक मशहूर गाने गाए हैं।

 

जय जय कारा जैसे मार्मिक गाने की गूंज आज हर व्यक्ति के कानों में सुनाई देती है। संगीत की दुनिया में कैलाश खेर अपने पिता के पग चिन्हों पर चलकर यह कामयाबी हासिल की है।


संगीत की यह कामयाबी मानो उनके पिता से विरासत में मिली है। उनके पिता पंडित मेहर सिंह खेर एक पुजारी थे। खेर के पिता घर में आयोजित छोटे मोटे कार्यक्रमों में ट्रेडिशनल फोक गीत गाया करते थे। कैलाश खेर के सबसे पहले गुरु उनके पिता ही थे।

 

संगीत की इस कामयाब दुनिया के सफर के शुरुआती पड़ाव में ही कैलाश अपने पिता से संगीत की शिक्षा ग्रहण कर ली थी। संगीत से अत्यधिक लगाव होने के वावजूद भी वह कभी बॉलीवुड के गाने सुनना नहीं पसंद करते थे।


संगीत सीखने का जुनून, घर से बगावत 

कैलाश खैर को बचपन से ही एक अच्छा गायक बनने की अभिलाषा थी। उन्होंने महज 13 वर्ष की आयु में संगीत की बेहतर शिक्षा ग्रहण करने के सिलसिले में अपना घर त्याग दिया था।वह अपने परिवार वालों से जद्दोजहद कर के दिल्ली आ गए थे।

 

राजधानी दिल्ली में आने के बाद वह संगीत की शिक्षा लेनी प्रारंभ कर दिए थे। पैसे की कमी होने पर कैलाश छोटा मोटा काम भी कर लेते थे। वह विदेशी लोगों को संगीत सिखा कर कुछ पैसे भी कमा लेते थे।


खैर के जीवन का सबसे बुरा दौर 

दिल्ली में आने के बाद उन्होंने अपना एक छोटा सा बिजनेस शुरू किया था। वर्ष 1999 में उन्होंने अपने एक फैमिली फ्रेंड के साथ एक्सपोर्ट का बिजनेस शुरू किया था। बिजनेस में उन्हें अत्यधिक घाटा हुआ लगाई गई संपूर्ण जमापूंजी व्यर्थ हो चुकी थी। उनके जीवन से जुड़ा यह एक ऐसा दौर था जिसमें उनके समक्ष निराशा के अलावा कुछ दिखाई नहीं पड रहा था। 


संपूर्ण जमा पूंजी गंवा देने के बाद वह अब डिप्रेशन के शिकार हो गए थे। डिप्रेशन के कारण वह सुसाइड करना चाहते थे। मुश्किल भरा यह वक्त मानो कैलाश की परीक्षा ले रहा था। उन्होंने नकारात्मकता को मन से निकालकर नई राह पर चलना शुरू कर दिया था।


कैलाश के जीवन में सकारात्मक बदलाव 

उन्होंने निराशा भरी इस घड़ी से उबरने के बाद पैसा कमाने के लिए सिंगापुर और थाइलैंड चले गए जहां वह अपने जिंदगी के 6 महीने गुजारे थे। 6महीने के बाद वह भारत वापस आकर ऋषिकेश चले गए। कैलाश खैर को अब यह नया ठिकाना मिल चुका था जहां वो साधु संतों के साथ भजन-गीत को गाया करते थे।  


कैलाश के अंदर गाने की बहुत अच्छी कला थी जैसे ही वह गाना शुरू करते थे बड़े बड़े साधु संत गाने के भक्ति रस में डूब जाते थे तो कई संत झूमने लगते थे। यह यह एक ऐसा दौर था जो कैलाश के सपने को पोषित किया, यहां से कैलाश के अंदर अपनी कला पर विश्वास पनपने लगा, उन्होंने अपना खोया हुआ विश्वास पुनः वापस पा लिया था। वहाँ से वह मुंबई  चल गए थे।


कैलाश का मुंबई सफर नामा 

ऋषिकेश के बाद कैलाश  मुंबई चले गए थे। कैलाश के जीवन के संघर्ष भराया सफर अभी जारी था। मुंबई में उन्होंने काफी गरीबी में अपने दिन व्यतीत किये।मुंबई में कैलाश किसी घर में नहीं बल्कि चॉल में अपने जीवन कई दिन गुजारे थे।

 

गरीबी के इस आलम का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके पास पहनने के लिए सही एक जोड़ी चप्पल भी नहीं थी। अपने कला को नई पहचान देने के लिए वह 24 घंटे स्टूडियो का चक्कर लगाते रहते थे।


यह एक ऐसा दौर था जिस वक्त कैलाश अपने गाने को सुनाने के लिए बेताब रहा करते थे, उनकी अब एक ही ख्वाहिश थी कि उनकी आवाज को सुनकर उन्हें कोई गाने का मौका दे दे।

 

एक दिन उन्हें राम संपत ने एक एड का जिंगल गाने के लिए बुलाया था। कैलाश के जीवन की तमन्ना पूरी हुई और उन्हें इस जिंगल गाने के लिए 5000 रुपये मिले थे। यह 5000 रुपये उस समय कैलाश खैर को डूबते को तिनके का सहारा जैसे था इस रुपये से कुछ दिन तक उन्होंने अपना गुजारा चला लिया था।


"अल्लाह के बंदे हम" से फेमस हुए कैलाश 

कैलाश ने मुंबई में कई सालों तक संघर्ष के दिनों में गुजारने के बाद उन्हें फिल्म अंदाज में ब्रेक मिला गया। इस फिल्म में कैलाश ने "रब्बा इश्क ना होवे" जैसे मशहूर गाने में उन्होंने अपने आवाज की काबिलियत दिखाई थी।

 

कैलाश की किस्मत तब चमकी जब उन्होंने फिल्म "वैसा भी होता है' में 'अल्लाह के बन्दे हम' में खूबसूरत प्रदर्शन किया, इस गाने से उनके कामयाब सफर की नई पारी शुरू हो गई थी। आज भी यह बेहद खूबसूरत गाना उनके प्रचलित गानों में शुमार है।


18 भाषाओं में कैलाश के गाने 

कैलाश खैर अब तक कुल 300 से अधिक गाने सर्फ़ बॉलीवुड में गए है। अपने खूबसूरत गानों के लिए दर्जनों अवार्ड से नवाजे जा चुके कैलाश अब तक 18 भाषाओं में गाना गा चुके हैं। कैलाश खेर ने सन 2009 में बेस्ड  शीतल से खुद को वैवाहिक सूत्र में बांध लिया था। आज उनका एक 5 साल का बेटा है जिसका नाम कबीर है।


विवादों में कैलाश खेर 

विख्यात सिंगर कैलाश खेर पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप भी  लग चुके है। एक के बाद एक उन पर कई महिलाओं ने आरोप लगाए थे। सिंगर 'सोना महापात्रा' के बाद कई महिलाओं ने कैलाश खेर पर यौन शोषण का आरोप लगाया। आरोप लगाने वाली यह महिला कैलाश खेर की फैमिली फ्रेंड ही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक महिला ने अपने नाम का तो खुलासा नहीं किए जाने की इच्छा जाहिर की और यह आरोप लगाया कि 2004 में कैलाश ने उनके साथ अनुचित बर्ताव किया था। 


घटना को याद करते हुए महिला ने कहा कि बर्थडे पर जब उन्होंने शुभकामनाओं वाला एक मैसेज किया था, जिसके जवाब में उन्हें तमाम सेक्सुअल सिंबल्स भेजे गए थे। इससे पहले भी दो महिला पत्रकारों ने भी कैलाश खेर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। 


जिसके बाद सफाई में कैलाश खेर ने कहा, "जब मुझे इन आरोपों के बारे में पता चला तो बहुत निराशा हुई।" कैलाश ने यह कहते हुए माफी मांगी थी "यदि किसी को कोई बात गलत लगी है या किसी को गलतफहमी हुई है तो मैं माफी चाहता हूँ।




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