सिनेमाघरों में रिलीज हुई परिणीति की फिल्म 'साइना', पढ़ें पूरा रिव्यू

यह फिल्म 26 मार्च को बड़े पर्दे पर रिलीज हो गयी है। इस फिल्म में परिणीति, साइना नेहवाल का किरदार निभा रही हैं। अमोल गुप्ते निर्देशित इस स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म में एक मिडिल-क्लास फैमिली की लड़की के दुनिया की नंबर 1 रैंकिंग वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनने को सफर दिखाया गया है।

Bollywood Halchal Mar 26, 2021

बॉलीवुड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा की फिल्म 'साइना' का दर्शकों को बेसब्री से इंतज़ार था। यह फिल्म 26 मार्च को बड़े पर्दे पर रिलीज हो गयी है। इस फिल्म में परिणीति, साइना नेहवाल का किरदार निभा रही हैं। अमोल गुप्ते निर्देशित इस स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म में एक मिडिल-क्लास फैमिली की लड़की के दुनिया की नंबर 1 रैंकिंग वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनने को सफर दिखाया गया है। आज हम आपको बताएंगे कि यह फिल्म कैसी है - 


फिल्म हरियाणा के हरवीर सिंह नेहवाल और उषा रानी नेहवाल की बेटी साइना नेहवाल की कहानी है। हरियाणा से हैदराबाद आकर बसे हरवीर और उषा, अपनी बेटी को नंबर 1 खिलाड़ी बनते देखना चाहते हैं। यह कहानी साइना के साथ-साथ उनके माता-पिता के सपनों की भी है। साइना के माता उनका दाखिला बैडमिंटन कोचिंग सेंटर में करवाते हैं। साइना के वॉल चैम्पियन बनने में उनकी खुद की मेहनत के साथ-साथ उनके माता-पिता की मेहनत भी शामिल है। साइना की माँ की महत्वकांक्षा फिल्म के उस पार्ट में दिखाई देती है जब साइना एक बार बहुत बुरी तरह जख्‍मी हो जाती हैं, तब उनकी मां उनसे कहती हैं, "तू साइना नेहवाल है। तू शेरनी है। दुनिया को और मीडिया को कुछ भी और मत सोचने दे। खुद पर भ्रम होना, सबसे बड़ा दुश्‍मन है। शक को अपने दिल में घर न करने देना।" 


इस फिल्म में साइना की ज़िंदगी के हर उस छोटे पल को दिखाया गया है जो साइना की असल ज़िंदगी का अहम हिस्सा हैं। फिल्म में साइना की मेहनत, उतार-चढ़ाव और संघर्ष को बखूबी दर्शाया गया है। फिल्म में डायरेक्टर ने साइना की ज़िंदगी को बहुत ही साधारण तरीके से दिखाया है। उन्होंने किसी भी तरह के  विवाद को फिल्म का हिस्सा नहीं बनाया है। फिल्म में साइना की कथित राइवल पी वी सिंधु का कोई जिक्र नहीं है। फिल्म में किसी भी तरह का कोई तड़का नहीं है, चीज़ों को बेहद ही साधारण तरीके से पेश किया गया है। हालाँकि, फिल्म को देशभक्ति के रंग में रंगने की कोशिश की गई है। फिल्म के कई हिस्सों में आपको यह भी लगेगा कि का ऐसा वास्तव में हुआ होगा। जैसे फिल्म के एक सीन में दिखाया गया है कि साइना की मां अपनी 12 साल की बेटी को इसलिए थप्‍पड़ लगा देती है क्योंकि वह रनर-अप मेडल पाकर खुश है। तभी पिता उन्हें समझाते हैं कि जीतना जरुरी क्यों है। 


फिल्म की कास्ट की बात करें तो परिणीति ने अपने किरदार के साथ न्याय करने की पूरी कोशिश की है। हालाँकि, कई जगहों पर उनकी यह कोशिश कमजोर दिखाई देती है। परेश रावल,मानव कौल,मेघना मलिक और अंकुर विकाल ने भी अपने-अपने किरदारों को बखूबी निभाया है। इसके साथ ही फिल्म में छोटी साइना का किरदार निभा रही मुंबई की 10 साल की निशा कौर ने बेहतरीन काम किया है। उनकी परफॉरमेंस देखने लायक है। 


यह फिल्म बेहद सरल और सीधे तरीके से बनी लेकिन छाप छोड़ने वाली मूवी है। आप इस मूवी को अपनी फैमिली के साथ देख सकते हैं।




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