'बिग बी' अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर जानिए उनके जीवन से जुड़े कुछ अनकहे किस्से

चार दशकों से अधिक समय तक अपने अभिनय की जादूगरी से फिल्मी पर्दे को आबाद करने वाले बॉलीवुड के रियल महानायक बिग बी अमिताभ बच्चन का आज जन्मदिन है। अमिताभ बच्चन आज अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं। बिग बी की फिल्मी जर्नी बा-कमाल रही है।

Bollywood Halchal Oct 11, 2020

चार दशकों से अधिक समय तक अपने अभिनय की जादूगरी से फिल्मी पर्दे को आबाद करने वाले बॉलीवुड के रियल महानायक बिग बी अमिताभ बच्चन का आज जन्मदिन है। अमिताभ बच्चन आज अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं। बिग बी की फिल्मी जर्नी बा-कमाल रही है। 


वहीं इनका निजी जीवन और भी सुर्खियों भरा रहा है, चाहे वो रेखा के साथ की लव-मिस्ट्री रही हो या जया बच्चन के साथ विवाह के बंधन में बंधने का किस्सा रहा हो। बिजनेसमैन और पॉलिटिशयन अमर सिंह के साथ अमिताभ की दोस्ती के किस्से रहे हों। यानि अमिताभ के जीवन के सभी छोटे-बड़े किस्से देश की बड़ी खबरें के रूप में शामिल रहे। 


अमिताभ बच्चन का शुरुआती जीवन

उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद जिले में 11 अक्टूबर 1942 को अमिताभ बच्चन का जन्मदिन हूआ था। इनका परिवार मूलतः प्रतापगढ़ से ताल्लुक रखता था। इनके पिता भी देश की बड़ी शख्सियतों में से एक रहे क्योंकि जाने माने कवि हरिवंशराय बच्चन के सुपुत्र हैं अमिताभ बच्चन अपने आप को सौभाग्यशाली मानते हैं कि हरिवंशराय बच्चन के बेटे के रुप में उनका जन्म हुआ। अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन अविभाजित भारत के कराची से ताल्लुक रखती थीं।


वैसे तो अमिताभ और उनके पिता हरिवंशराय बच्चन का नाम ही इतना बड़ा था कि इन्हें किसी बिरादरी से जोड़ना एक फालतू काम होगा लेकिन बहुत से ऐसे लोग होंगे जिनके दिमाग में ये ख्याल जरूर आता होगा कि अमिताभ किस जाति बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं।

 

इसीलिए आपको बता दें कि अमिताभ का उपनाम श्रीवास्तव है लेकिन उनके पिता अपनी कविताओं में अपने नाम के साथ अपना छोटा नाम बच्चन जोड़ा करते थे इसीलिए अमिताभ के आगे भी बच्चन शब्द जुड़ गया। अमिताभ के बचपन का नाम 'इन्कलाब' रखा गया था लेकिन मशहूर कवि एवं अमिताभ के पिता हरिवंशराय बच्चन के मित्र सुमित्रानंदन पंत ने 'अमिताभ' नाम रखने की सलाह दी थी। 


फिल्मी पर्दे पर अमिताभ की एन्ट्री

अपनी प्रारंभिक पढ़ाई के बाद अमिताभ ने दिल्ली जाकर नौकरी की तलाश की दिल्ली में एक ही आकाशवाणी केन्द्र की नौकरी इसलिए छूट गयी क्योंकि उनकी आवाज बहुत भारी थी। ठीक-ठाक नौकरी की तलाश में अमिताभ ने काफी कोर-कसर में समय गंवाया लेकिन किस्मत की लकीरें इन्हें मुम्बई ले आयीं जहां इन्होंने फिल्मी पर्दे का रुख किया। उस समय के जाने-माने निर्देशक ख्वाजा अहमद अब्बास ने अमिताभ को मौका दिया।

 

साल 1969 में 'सात हिन्दूस्तानी' फिल्म से अमिताभ की फिल्मी पर्दे पर एन्ट्री हुई ये फिल्म फ्लॉप साबित हुई। इसके बाद कई फिल्में फ्लॉप हुईं आखिरकार उन्हें 'आनंद' फिल्म में राजेश खन्ना के साथ स्क्रीन पर आने का मौका मिला जिसमें अमिताभ ने अपना किरदार बखूबी निभाया और अपने अभिनय की जादूगरी बिखेरी। फिर साल 1973 में जंजीर फिल्म ने अमिताभ को वो मुकाम हासिल करा दिया जिसकी बतौलत वो एंग्री यंग मैन वाली छवि विकसित हो गई। रातों रात अमिताभ फिल्मी पर्दे के मशहूर अभिनेताओं में शुमार हो गये। 


अमिताभ का निजी जीवन 

जैसे जैसे सफलता मिलती जाती है इंसान के जीवन में सबकुछ बदलता जाता है। अमिताभ के साथ भी वैसा ही हुआ। इंडस्ट्री के बड़े कलाकारों में शामिल हो चुके और अपने दौर के की अधिकतर फिल्मों में अपने अभिनय की जादूगरी बिखेरने वाले अमिताभ का नाम कई अभिनेत्रियों के साथ जोड़ा गया।

 

अपने समय की जानी मानी एक्ट्रेस परवीन बॉवी अमिताभ की गर्लफ्रैण्ड रहीं। इसके बाद रेखा के साथ अमिताभ के ऐसे सम्बन्ध रहे जिसे आज भी न तो अमिताभ भुला पाए हैं और न ही रेखा भुला पाई हैं। फिर अमिताभ के जीवन में जया भादुड़ी की एन्ट्री हुई लेकिन इसबार सिलसिला बदला नहीं और अमिताभ और जया ने शादी कर ली। जया भादु़ड़ी जया बच्चन बन गईं।


जब अमिताभ ने राजनीति में रखा कदम

बात उस समय की है जब कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान साल 1982 में विलेन का रोल निभा रहे पुनीत इस्सर ने शूटिंग के दौरान ही एक सीन में अमिताभ को मुक्का मारा जो इतना जोरदार था कि अमिताभ के पेट में भयंकर तेज चोट लग गई। एक वक्त को ऐसा भी लगा था कि अमिताभ का बचना मुश्किल होगा।

 

लेकिन अपने चाहने वालों की दुआओं की वजह से अमिताभ बच तो गए पर उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि अब वो फिल्में नहीं कर पाएंगे इसीलिए अमिताभ ने अपने करीबी मित्र और प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर राजनीति में कदम रखा। इलाहाबाद से 1984 में लोकसभा चुनाव में विपक्ष पार्टी के कद्दावर नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा को अमिताभ ने भारी मतों से हरा दिया। लेकिन जल्द ही अमिताभ ने बॉलीवुड में वापसी की और साल 1988 में आई फिल्म शहंशाह में अमिताभ की तगड़ी एक्टिंग देखने को मिली। 


अमिताभ बच्चन की फिल्में 

सात हिन्दूस्तानी, आनंद, शहंशाह, जंजीर, बागबान, अभिमान, शोले, डॉन, त्रिशूल, अमर अकबर एंथनी, सिलसिला, मि. नटवरलाल, कुली, तूफान, मर्द, नमक हलाल, सत्ते पे सत्ता, खुदा गवाह, सरकार, अग्निपथ, भूतनाथ, ब्लैक, वक्त, सत्याग्रह जैसी अन्य कई बेहतरीन फिल्में अमिताभ ने की हैं। इसीलिए अमिताभ बच्चन सदी के महानायक कहे जाते हैं। 


   





  



 




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