पंकज त्रिपाठी क्रिमिनल जस्टिस: ए फैमिली मैटर में तेज-तर्रार वकील माधव मिश्रा के रूप में लौट रहे हैं, जो बहुप्रतीक्षित कोर्ट रूम ड्रामा की चौथी किस्त है। अब JioHotstar पर स्ट्रीमिंग करते हुए, सीरीज़ एक और भावनात्मक रूप से चार्ज की गई कानूनी लड़ाई में उतरती है - इस बार गहरे पारिवारिक संघर्ष और गहरे मोड़ के साथ। रोहन सिप्पी द्वारा निर्देशित और निर्माता समीर नायर द्वारा समर्थित, सीज़न 4 पहले से ही 2025 की सबसे प्रतीक्षित ओटीटी रिलीज़ में से एक के रूप में चर्चा में है। अपने धारदार लेखन और पंकज त्रिपाठी की शानदार स्क्रीन उपस्थिति के साथ, यह शो सस्पेंस, कानूनी साज़िश और नैतिक दुविधाओं का रोलरकोस्टर देने का वादा करता है।
क्रिमिनल जस्टिस 4 कास्ट
त्रिपाठी के अलावा, सीरीज़ में मोहम्मद जीशान अय्यूब, सुरवीन चावला, आशा नेगी, खुशबू अत्रे, मीता वशिष्ठ और श्वेता बसु प्रसाद सहित कई मजबूत कलाकार भी शामिल हैं।
क्रिमिनल जस्टिस सीजन 4: कथानक
यह सीजन डॉ. राज नागपाल पर केंद्रित है, जो रोशनी नामक एक नर्स की हत्या का मुख्य संदिग्ध बन जाता है, जिसके साथ उसका कथित तौर पर विवाहेतर संबंध था। मामला तब और जटिल हो जाता है जब उसकी पत्नी अंजू को भी जांच में घसीटा जाता है। वकील माधव मिश्रा भावनात्मक मोड़ और नैतिक दुविधाओं से भरी कानूनी लड़ाई में राज का बचाव करने के लिए लौटते हैं।
कहानी
क्रिमिनल जस्टिस सीजन 4 एक पारिवारिक कहानी के साथ लौटता है जो प्यार, विश्वासघात, मानसिक स्वास्थ्य और हत्या के रहस्य की परतों से जुड़ी हुई है। सीज़न की शुरुआत डॉ. राज नागपाल (मोहम्मद जीशान अय्यूब) से होती है, जो एक सफल सर्जन है, लेकिन अपनी पत्नी अंजू (सुरवीन चावला) के साथ अपने रिश्ते में दरार का सामना कर रहा है। उनकी बेटी इरा एस्परगर से पीड़ित है और उसकी देखभाल नर्स रोशनी (आशा नेगी) करती है। सब कुछ सामान्य लगता है, लेकिन कहानी तब मोड़ लेती है जब एक सुबह रोशनी की रहस्यमय तरीके से हत्या कर दी जाती है और राज को हत्या का मुख्य आरोपी बना दिया जाता है। जैसे-जैसे दर्शक इस सदमे से उबरने की कोशिश करते हैं, कहानी और भी रोमांचक होती जाती है। इसके तुरंत बाद अंजू को भी गिरफ्तार कर लिया जाता है। मामला गहराता जाता है और सच्चाई की परतें धीरे-धीरे खुलती जाती हैं, जिसे देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
पंकज त्रिपाठी उर्फ माधव मिश्रा एक बार फिर अपनी सरल लेकिन तीक्ष्ण बुद्धि से केस की कमान संभालते हैं। इस बार वे अपनी नई लॉ फर्म 'माधव मिश्रा एंड एसोसिएट्स' के साथ आए हैं। उनका किरदार न सिर्फ केस की तह तक पहुंचता है, बल्कि अपने अंदाज और कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ता। उनकी पत्नी रत्ना भी इस बार उनके काम में उनकी मदद करती नजर आती हैं और दोनों के घरेलू सीन सीरीज को हल्का-फुल्का टच देते हैं।
पंकज त्रिपाठी इस बार भी सीरीज़ की जान
पंकज त्रिपाठी इस बार भी सीरीज़ की जान हैं, लेकिन उनसे मुक़ाबला करने के लिए इस सीरीज़ में कई और शानदार कलाकार भी हैं। अपनी सहज एक्टिंग से उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि माधव मिश्रा का किरदार उनसे बेहतर कोई नहीं निभा सकता। एक गंभीर वकील होने के अलावा वे एक पारिवारिक व्यक्ति के तौर पर भी दमदार नज़र आते हैं। जिस तरह से वे छिपी हुई परतों को सामने लाते हैं, वह देखना काफ़ी दिलचस्प है। मोहम्मद जीशान अय्यूब इस शो में दूसरा बड़ा चेहरा हैं और जब भी वे पहले स्क्रीन पर नज़र आए हैं, उन्होंने हमेशा अपने काम को सही साबित किया है। इस बार वे एक परेशान पति और पिता के तौर पर नज़र आए हैं और इस बार भी उनका अभिनय दमदार है। जब भी वे स्क्रीन पर आएंगे, आप उन्हें बिना पलक झपकाए देखना चाहेंगे।
सुरवीन चावला का किरदार
सुरवीन चावला का किरदार भी काफ़ी अहम है। वह शो की लीड एक्ट्रेस हैं। वैसे तो वह पहली बार इस तरह के रोल में नजर आई हैं, लेकिन उन्होंने अपने काम से शो में जान डाल दी है। केयरटेकर के रोल में नजर आईं आशा नेगी भी कुछ कम नहीं हैं। उनका रोल थोड़ा छोटा है, लेकिन वह भी तारीफ की हकदार हैं। मीता वशिष्ठ और श्वेता बसु प्रसाद का काम भी काफी अच्छा है और उन्होंने अपनी एक्टिंग से प्रभावित किया है, जो कोर्टरूम ड्रामा को गहराई देता है। बरखा सिंह, खुशबू अत्रे और खुशी भारद्वाज ने भी अच्छा काम किया है।
निर्देशन और लेखन
रोमांच की पकड़ अंत तक बनी रहती है, यानी क्लाइमेक्स तक सस्पेंस बना रहता है। लेखकों और निर्देशकों की टीम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आखिर तक सस्पेंस कैसे बनाए रखा जाता है। कोर्ट रूम के सीन में हर बार नया मोड़ आता है, जो दर्शकों को अपनी सीट से चिपकाए रखता है। कई बार तो आप कुर्सी से उछल भी पड़ेंगे। वैसे तो कहानी कई बार थोड़ी खिंची हुई लगती है, लेकिन क्लाइमेक्स इतना दमदार है कि आप उस छोटी सी कमी को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं। इस बार कहानी सिर्फ़ एक मर्डर मिस्ट्री नहीं है, बल्कि यह भी दिखाती है कि मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक रिश्ते और संवादहीनता किस तरह गहरे संकट में बदल सकती है।
देखने लायक है सीरीज
अगर आपने क्रिमिनल जस्टिस के पहले तीन सीजन देखे हैं, तो चौथा सीजन मिस करना आपके लिए बड़ी भूल होगी। सस्पेंस, शानदार एक्टिंग, गहरा इमोशनल कनेक्शन और कोर्टरूम ड्रामा, सब कुछ इस सीजन में शानदार तरीके से परोसा गया है। क्रिमिनल जस्टिस: ए फैमिली मैटर एक बार फिर साबित करता है कि यह सीरीज भारत के सबसे बेहतरीन लीगल ड्रामा में से एक क्यों है। पंकज त्रिपाठी की यह सीरीज 3.5 स्टार की हकदार है।